स्वामी विवेकानंद के महत्वपूर्ण विचार जो जीवन में आगे बढ़ने के लिए करते हैं प्रेरित
Swami Vivekananda एक महान व्यक्ति रहे हैं वह हमेशा कर्म पर भरोसा रखते थे।
स्वामी विवेकानंद का कहना है की आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक कोशिश कीजिए जब तक आपका लक्ष्य आपको हासिल ना हो जाए।
यदि आप अपने कर्म के प्रति ईमानदार है तो आप अपने लक्ष्य को अवश्य ही प्राप्त कर लेंगे।
स्वामी विवेकानंद के विचार
चिंतन करो चिंता नहीं, नए विचार को जन्म दो।
कोई तुम्हारी मदद नहीं कर सकता, अपनी मदद स्वयं करो, तुम खुद के लिए सबसे अच्छे मित्र हो और सबसे बड़े दुश्मन भी।
उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो।
तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना हैं। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही हैं।
विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहाँ हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये तो आप समझ लीजिये कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
एक ऊर्जावान व्यक्ति एक साल में इतना कर सकता है, जितना भीड़ एक हजार साल में नहीं कर सकती।
दिल और दिमाग की टकराव मे दिल की सुनो।
ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हमही हैं जो अपनी आँखों पर हाँथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार हैं।
एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ।
जब तक जीना, तब तक सीखना” – अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक हैं।
कुछ मत पूछो, बदले में कुछ मत मांगो। जो देना है वो दो, वो तुम तक वापस आएगा, पर उसके बारे में अभी मत सोचो।
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