स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय
Swami Vivekananda एक महान व्यक्ति रहे हैं वह हमेशा कर्म पर भरोसा रखते थे।
स्वामी विवेकानंद कहते थे कि आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक कोशिश कीजिए जब तक आपका लक्ष्य आपको हासिल ना हो जाए।
यदि आप अपने कर्म के प्रति ईमानदार है तो आप अपने लक्ष्य को अवश्य ही प्राप्त कर लेंगे।
Swami Vivekananda का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के सिमुलियां नामक ग्राम में हुआ था।
स्वामी विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था और इन्हें “नरेन” नाम से भी जाना जाता था।
Swami Vivekananda के पिता का नाम विश्वनाथ दत्त और माता का नाम भुनेश्वरी देवी था।
स्वामी विवेकानंद के पिता विश्वनाथ दत्त कोलकाता के उच्च न्यायालय में वकालत करते थे और वहां Attorney at law थे।
Swami Vivekananda ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता से ही प्राप्त की।
वर्ष 1871 में वह प्राथमिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए वह 8 वर्ष की आयु में “ईश्वर चंद्र विद्यासागर मेट्रोपॉलिटन संस्थान कोलकाता” चले गए।
स्वामी विवेकानंद बचपन से ही काफी बुद्धिमान थे उनकी स्मरण शक्ति और दृढ़ प्रतिज्ञा बेजोड़ थी।
स्वामी विवेकानंद की स्मरण शक्ति इतनी तीव्र थी कि उन्होंने आधुनिक वेद, वेदांत, धर्म आदि की सभी महत्वपूर्ण पुस्तकों को पढ़ लिया था
4 जुलाई 1902 को 39 वर्ष की उम्र में स्वामी विवेकानंद का निधन हो गया।
विवेकानंद के शिष्यों का कहना है कि उन्होंने महा समाधि ली थी
उनका मानना है कि स्वामी विवेकानंद ने 40 साल से ज्यादा नहीं जीने की भविष्यवाणी की थी और उन्होंने इसे साबित किया।
स्वामी विवेकानंद जयंती को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने का निर्णय लिया गया है।
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