Manya Surve एक ऐसा नाम जिसने लोगों में काफी दहसत पैदा करी। वैसे तो दुनिया में आपने अनेको प्रकार के डॉन देखे होंगे जिसमे से एक था Manya Surve.
Manya Surve भी अन्य अपराधियों की तरह ही था जो किसी को मारने से पहले एक बार भी नहीं सोचता था। ऐसा माना जाता है कि मान्या सुर्वे अपने समय में दाऊद से भी कहीं ज्यादा ताकतवर था।
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Manya Surve का असली नाम मनोहर अर्जुन सुर्वे था उसके गैंग के लोग उसे मान्या सुर्वे के नाम से पुकारते थे इसीलिए पुलिस रिकॉर्ड में भी उसका नाम मान्या सुर्वे दर्ज हो गया।
चलिए अब मान्या सुर्वे के बारे में विस्तार से जानते हैं आखिर क्यों Manya Surve अंडरवर्ल्ड की दुनिया में शामिल हुआ और इसका इतिहास क्या है?
Manya Surve Biography :
मान्या सुर्वे का जन्म 8 अगस्त 1944 को Maharashtra के Ratnagiri जिले में कोकण क्षेत्र के रम्पर गांव में हुआ था Manya Surve का पूरा नाम Manohar Arjun Surve था। मान्या सुर्वे हिंदू परिवार से Belong करता है।

1952 में वह अपनी मां और पिता के साथ मुंबई आ गया। उसने Kirti college से अपना Graduation पूरा किया जिसमें उसने 78% Marks प्राप्त किए थे।
Manya Surve Story in Hindi :
मान्या सुर्वे पढ़ाई में काफी अच्छा था पढ़ाई में अच्छा होने के बावजूद भी वह गलत कामों में ज्यादा ध्यान देता था और उसने अपने कॉलेज के समय में ही छात्रों के साथ एक गैंग का निर्माण कर लिया था।
उस समय मन्या सुर्वे की गैंग में मुख्य रूप से सुमित देसाई, भार्गव दादा शामिल थे। इस गैंग ने उस समय के प्रसिद्ध पठान डॉन को पूरी तरह भयभीत करके रख दिया था जो पिछले दो दशकों से मुंबई अंडरवर्ल्ड पर राज कर रहे थे।
पठान ने भी अपनी विरोधी गैंग केसर ग्रुप को पराजित करने के लिए मन्या सुर्वे की सहायता ली थी। इस गैंग का नेतृत्व दाऊद इब्राहिम का भाई सबीर कसकर कर रहा था।
Manya Surve मुंबई के अंडरवर्ल्ड का पहला इतना पढ़ा लिखा गैंगस्टर था जिसका दादर से आगरा बाजार तक दबदबा था। 1969 में, Manya Surve अपने सौतेले भाई और एक सहयोगी मान्या पोधकर के साथ दांडेकर नाम के एक व्यक्ति की हत्या में शामिल था।
इसके बाद मान्या सुर्वे को हत्या के केस में उम्र कैद की सजा सुनाई गई जिसके लिए उसे दुबई की जेल में भेज दिया गया। दुबई की जेल में माननीय सुर्वे का दबदबा और बढ़ने लगा और वह पहले से ज्यादा खूंखार हो गया था।
वह जेल में दूसरे गैंग के अपराधियों को मारता पीटता था जिस कारण उसे रत्नागिरी जेल में शिफ्ट कर दिया गया मान्या सुर्वे ने जेल में भूख हड़ताल कर दी जिससे उसकी तबीयत खराब होने लगी तबीयत खराब होने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया जहां 14 नवंबर 1979 को वह पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।
जेल से भागने के बाद मान्या सुर्वे ने मुंबई में नए तरीके से एक गैंग की शुरुआत करी। उसने 5 अप्रैल 1980 को पहली डकैती करी जिसमे उसने एंबेसडर कार चोरी की।
जिससे बाद में यह खुलासा हुआ कि उसने लक्ष्मी ट्रेडिंग कंपनी में डकैती के लिए इस कार का इस्तेमाल किया था 15 अप्रैल को उसने अपने गैंग के साथ मिलकर शेख मुनीर के दुश्मन शेख अजीज को मार दिया।
बाद में मान्य सुर्वे ने एक प्लॉट ले लिया और फिर सरकारी मिल्क स्कीम की बोली के पैसों को लूटा और मुंबई अंडरवर्ल्ड में एक नई पहचान बनाई। मन्या सुर्वे द्वारा की गई चोरियों में केनरा बैंक डकैती भी शामिल है धीरे-धीरे मन्या सुर्वे की आतंकी गतिविधियां बढ़ती जा रही थी।
उस समय मुंबई पुलिस ने क्रिमिनल गतिविधियां करने वाले लोगों का तमाशा देखना बंद कर दिया था, और अब उनका एनकाउंटर करना शुरू कर दिया। उसी समय इंस्पेक्टर इसाक बागवत और राजा रामभट्ट ने मन्या सुर्वे के केश को अपने हाथ में लिया और मन्या सुर्वे के खिलाफ ऑपरेशन की शुरुआत कर दी।
22 जून 1981 को पुलिस ने शेख मुनीर को एक केमिकल कंपनी में गिरफ्तार कर लिया और उसके कुछ दिनों बाद ही दयानंद और परशुराम को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया यह बात जैसे ही मान्या सुर्वे को पता लगे वह गिरफ्तारी से बचने के लिए भिवड़ी (Bhiwandi) चला गया।
लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के लिए उसके घर में छानबीन करना शुरू कर दिया जिसके बाद पुलिस को उसके घर से गोला बारूद और अवैध हथियार मिले।
11 जनवरी 1982 को पुलिस को सूचना मिली की मान्या सुर्वे वडाला में अंबेडकर कॉलेज जंक्शन के पास एक ब्यूटी पार्लर में आएगा। दोपहर करीब 1.30 बजे Crime Branch के 18 अधिकारी तीन क्रैक टीमों में बंट गए और उसके आने का इंतजार करने लगे।
करीब बीस मिनट के बाद, Manya Surve को अपनी प्रेमिका Vidhya को लेने के लिए टैक्सी से बाहर आते देखा गया। या देखते ही पुलिस ने अपनी Position ले ली, Manya Surve इतने में मान्य सुर्वे ने कुछ पुलिस वालों को देख लिया और उसने अपनी Webley & Scott revolver निकाल ली।
हालांकि, इससे पहले कि वह ट्रिगर दबा पाता मान्य सुर्वे को दो पुलिस अधिकारियों राजा ताम्बत और इसाक बगवान ने बहुत बुरी तरह से घायल कर दिया था उन्होंने उसके सीने और कंधे में पांच गोलियां दागीं।
मान्य सुर्वे को घटनास्थल से घसीटा गया और एम्बुलेंस में डाल दिया गया। सायन अस्पताल ले जाते समय वह चिल्लाता रहा कि पुलिस ने उसे अपना बचाव करने का उचित मौका नहीं दिया। पुलिस वैन को Sion Hospital से 12 मिनट की दूरी तय करने में 30 मिनट से अधिक का समय लगा।
काफी चोट लगने के कारण कुछ मिनट बाद ही उसने दम तोड़ दिया। यह मुठभेड़ मान्य सुर्वे के शहरी अपराध की दो साल की होड़ का अंत था। लेकिन अपने दो वर्षों में मान्या सुर्वे ने दाऊद इब्राहिम को इतना बड़ा नुकसान पहुंचाया, जो इससे पहले कोई नहीं कर पाया।
ऐसा कहा जाता है कि मान्या सुर्वे की लोकेशन की जानकारी दाऊद इब्राहिम ने पुलिस को दी थी।
Manya Surve Movie :
Shootout At Wadala Manya Surve की Biography पर आधारित है इस फिल्म में John Abraham को Manya Surve के रूप में दर्शाया गया है।
Manya Surve Death :
11 जनवरी 1982 को दो पुलिस अधिकारियों राजा ताम्बत और इसाक बगवान ने उसके सीने और कंधे में पांच गोलियां दागी जिसके बाद अस्पताल ले जाने के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
Manya Surve Photo :





Manya Surve Short Biography in Hindi :
Name | Manya Surve |
Real Name | Manohar Arjun Surve |
Birth Place | Ratnagiri District, Maharashtra, India |
Date Of Birth | 8 अगस्त 1944 |
Age | 37 years (at the time of his death) |
School | Not Known |
College | Kirti College, Mumbai |
Nationality | Indian |
Profession | Underworld Don |
Home Town | Ratnagiri District, Maharashtra, India |
Net Worth | $100K-$1M approx. |
Death | 11 जनवरी 1982 |
Frequently asked Questions:
मान्या सुर्वे का पूरा नाम क्या था ?
मान्या सुरेश सुर्वे।